मध्यप्रदेश में बाढ़ और बारिश से सवा 200 लोगों की मौत 12000 करोड़ का नुकसान

  •  राज्य सरकार ने केंद्रीय दल को बताया- राज्य में बारिश और बाढ़ से 225 मौतें, 11 हजार 906 करोड़ की क्षति








  • मंदसौर के अतिवृष्टि से प्रभावित क्षेत्रों में शुक्रवार को दिल्ली से आए आपदा प्रबंधन के सयुक्त सचिव ​संदीप पौंडरिक ने निरीक्षण किया।




 





  • केंद्रीय दल राज्य के प्रभावित जिलों के दौरे पर है, दल ने हालात का जायजा लिया है

  • प्रशासन मंत्री गोविंद सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार मप्र को मदद नहीं देना चाहती है

  • राज्य सरकार की ओर से इस दल के सामने नुकसान का ब्यौरा 


भोपाल. भारी बारिश और बाढ़ से प्रभावित हुए मप्र में अब तक 225 मौतें और 11 हजार 906 करोड़ का नुकसान हुआ है। राज्य के दो दिनी दौरे पर आएकेंद्रीय दल के सामने राज्य सरकार ने रखा है।केंद्रीय दल ने गुरुवार और शुक्रवार को प्रदेश के अलग-अलग बाढ़ और बारिश सेप्रभावित हिस्सों का जायजा लिया है। दल अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंपेंगा।


केंद्रीय दल राज्य के प्रभावित जिलों के दौरे पर है। इस दल ने गुरुवार और शुक्रवार को हालात का जायजा लिया। राज्य सरकार की ओर से इस दल के सामने नुकसान का ब्यौरा रखा है। केंद्रीय दल को बताया गया है कि राज्य में फसलों को हुए नुकसान का आंकलन 24 सितंबर तक पूरा कर लिया जाएगा।साथ ही राज्य सरकार ने 5 हजार का रिलीफ फंड की मांग रखी है। सामान्य प्रशासन मंत्री गोविंद सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार मप्र को मदद नहीं देना चाहती है।जबकि गुजरात को अध्ययन करने से पहले ही मदद का एलान कर दिया गया था।


सरकार की तरफ जारी बयान के अनुसार, प्रदेश के 52 में से 36 जिलों में भारी नुकसान हुआ है। अति वर्षा से लगभग 24 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में 22 लाख किसानों की 9 हजार 600 करोड़ रुपये की खरीफ फसल प्रभावित हुई है। प्रदेश में मकानों को हुई क्षति लगभग 540 करोड़ रुपये की है। इसी तरह से सड़कों की क्षति का अनुमान 1566 करोड़ रुपये और लगभग 200 करोड़ रुपये का अन्य नुकसान भी हुआ है।


1400 से अधिक जानवरों की मौत :अब तक कुल 11 हजार 906 करोड़ रुपये की क्षति हुई है। प्रदेश में बाढ़ और आकाशीय बिजली से 225 लोगों की मृत्यु हुई है, और लगभग 1400 से अधिक जानवरों की मौत हुई है।


मप्र के कई हिस्सों में बौछारें पड़ने की संभावना : राज्य में मानसून की सक्रियता कम हुई है। शुक्रवार को आसमान पर बादलों का डेरा होने से गर्मी का असर कम है। वहीं, जिन हिस्सों में बादलों के छंटने के बाद धूप निकलती है वहां उमस पड़ी है। बीते 24 घंटों के दौरान राजधानी सहित अन्य हिस्सों में बौछारें पड़ी। मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि, आंध्रप्रदेश के तटीय क्षेत्रों में कम दबाव का क्षेत्र बन रहा है, जो ज्यादा ताकतवर नहीं होगा। इसके चलते आगामी 24 घंटों में राज्य के कई हिस्सों में बौछारें पड़ सकती है।



मजबूत सिस्टम नहीं, तेज बारिश के आसार कम


लंबे समय बाद राजधानी में गुरुवार को अच्छी धूप खिली, हालांकि बीच बीच में कुछ कुछ देर के लिए आसमान पर बादल भी छाते रहे। शाम को शहर के कुछ इलाकों में हल्की बूंदाबांदी भी हुई और रात में करीब 10 बजे तेज बारिश हुई। हालांकि, यह बारिश एमपी नगर, अरेरा हिल्स गौतम नगर, कस्तूरबा नगर, शिवाजी नगर और सुभाष नगर समेत शहर के कुछ इलाकों में ही हुई। इससे पहले दिन में खिली धूप से लोगों ने राहत की सांस ली है।