ज़ायटोनिक-एम से मिट्टी और फसल की पैदावार में सुधार
विश्व स्तर पर सभी किसानों के लिए सबसे बड़ी चिंता का विषय निम्न है:-
खेती की लागत में वृद्धि
पैदावार में स्थिरता और कमी
पानी की कमी और भूमिगत जलस्तर का घटना
लवणता और मिट्टी की कठोरता
मृदा स्वास्थ्य
मिट्टी की बनावट और संरचना में सुधार और मिट्टी में उपस्थित जैविक क्रिया को बढ़ाना इन सभी समस्याओं का हल है.
ज़ायडेक्स ने मृदा सुधार के लिए जैविक उर्वरक तकनीकी विकसित की है जो मृदा की बनावट और उसकी संरचना में सुधार तथा जैविक क्रिया को बढ़ाएगी. यह तकनीकी मृदा में उपस्थित लाभदायक जैविक क्रिया को पुनर्जीवित करेगी. यह तकनीकी प्राकृतिक मृदा क्रियाओं को तुरंत शुरू करेगी जिससे पौधे पोषक तत्वों और पानी को शोषित करते हुए अधिक उपज और अच्छी गुणवत्ता वाले उत्पाद पैदा कर सकेंगे.
ज़ायटोनिक-एम को उपयोग में लाने से मृदा की मुलायमता और सरंध्रता में सुधार लाएगा. जिससे मृदा की पानी रोकने की क्षमता और वायु संचार सुधार आएगा साथ ही मृदा जीव विज्ञान में तीव्र वृद्धि और जीवाणु गतिविधि को बढ़ावा मिलेगा.
ज़ायटोनिक-एम में माइकोराइजा भी है जो मृदा में लाभदायक फफूंदी और जीवाणुओं की संख्या को बढ़ाएगा. ये जीवाणु मृदा में पौधों के लिए अनुपलब्ध तत्वों को पौधों के लिए उपलब्ध करवाने में मदद करेंगे और जड़ क्षेत्र में उनको उपलब्ध करवाएंगे जिससे पोषक तवों की उपयोग क्षमता में वृद्धि होगी साथ ही बाहर से पोषक तवों को डालने में काफी हद तक कटौती होगी. मिट्टी मुलायम होने के कारण जड़ क्षेत्र ज्यादा बड़का गहरा हो जाएगा. जिससे पौधों को पोषक तत्व लेने के लिए ज्यादा क्षेत्रफल मिल जाएगा.
कार्बन और पोषक तवों के सहजीवी क्रियाओं के कारण जैविक गतिविधि बढ़ जाएगी और जड़ क्षेत्र ज्यादा होने के कारण पौधे पोषक तत्वों को आसानी से ले पाएंगे और सभी प्रकार से मृदा स्वास्थ्य में सुधार होगा.
यह कैसे फसल को प्रभावित करता है?
मिट्टी की मुलायमता और सरंध्रता तथा पानी रोकने की क्षमता में वृद्धि के कारण अंकुरण में सुधार होगा और पौधा स्वस्थ रहेगा. बड़ा जल क्षेत्र और अधिक मृदा जैविक क्रियाएं होने के कारण पानी और पोषक तत्वों के बड़े क्षेत्रफल से लेने के कारण -कृषि उत्पादन की उपज और गुणवत्ता में वृद्धि होगी.
नी उपयोग की क्षमता और पानी के तनाव में सुधार.
रसायनिक उर्वरकों के उपयोग में भारी कमी और इनकी उपयोग क्षमता में सुधार
संतुलित पानी और पोषक तत्वों के पौधों द्वारा लिए जाने के कारण मोटी पत्तियों और तने वाली जोरदार फसल होगी तथा जिससे गुणवत्ता में सुधार कीटों और बीमारियों के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी.
ज़ायटोनिक-एम के उपयोग से किसान अपनी मिट्टी को स्वस्थ और मिट्टी में अच्छी जैविक संख्या उत्पन्न कर पाएंगे जिससे पर्यावरण तंत्र में सुधार होगा जिससे टिकाऊ खेती सुनिश्चित होगी