फूलों की खेती से खरीदी 5 बीघा जमीन
किसान नाथूराम की माने तो फूलों की खेती से हुए मुनाफा से एकत्रित किए पैसों से 5 बीघा जमीन भी खरीद ली है. अब खरीदी हुई पूरी 5 बीघा जमीन में उन्नत किस्मों के फूलों का उत्पादन किया जा रहा है. किसान का कहना है कि पूर्व में 6 हजार रूपए महीने के कमाते थे लेकिन अब हर महीने 20 हजार रूपये से ज्यादा फूल मालाओं को बेचकर मुनाफा कमा रहे है. इससे उनकी एक साल की आय ढाई से तीन लाख रुपए हो गई, इतनी बड़ी रकम रबी और फसल में नहीं कमा पाते थे, आज किसान नाथुराम को देखकर अन्य कुशवाह समाज के लोग दो दर्जन से भी ज्यादा किसान फूलों की खेती करने लग ग ए।
फूल बने पहचान
अगर फूल मालियों की माने तो जहां पर एक ओर 20 साल पहले फूल लेने झांसी तक जाना पड़ता था, आज करैरा में फूलों के लिए अलग पहचान बन रही है. अब यह स्थिति है कि नगर के फूल अब यूपी के झांसी, शिवपुरी सहित अन्य महानगरों में बिकने के लिए जा रहे है. क्षेत्र के लोगों का मत है कि पहले फूलों के लिए काफी दूर तक जाना पड़ता था लेकिन अब फूल मालाओं की जरूरत ज्यादा पड़ने पर अन्य नगरों के लिए कैररा भेजे जाते है.
बढ़ा फूलों का रकबा
फूलों की खेती से किसान काफी मुनाफा कमा सकते है. यह कोई फसल तो नहीं है. लेकिन इसमें काफी मेहनत भी लगती है. इससे कम लागत में अधिक मुनाफा होताहै. यह बात सही है कि करैरा में चमेली, तचंपा, मोगरा, गैंदा, सूरजमुखी, इंग्लिश गुलाब, मौग्रेट सहित कई प्रकार के फूलों की खेती का रकबा बढ़ा है जिससे किसानों की आय में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. आज किसान इसके सहारे काफी आमदनी कर और आगे की कार्ययोजना पर भी काम कर रहे है.