ऑर्गेनिक खेती बदल देगी किसानों की किस्मत



किसान को 


होगी बंपर कमाई 









बाज़ार की बड़ी-बड़ी कंपनियों ने अपने उत्पादों को बेचने के लिए किसानों के दिमाग में यह डालने की कोशिश की बिना उनके उत्पादों के खेती संभव नहीं हो सकती. धीरे-धीरे कंपनियों का यह प्रभाव किसान भाईयों पर भी कहीं ना कहीं देखने को मिला. आज़ हर प्रकार की खेती में रसायनों और दवाईयों का प्रयोग धड़ल्ले से हो रहा है, जिसके दुशपरिणाम कैंसर जैसे बीमारियों  के रूप में सामने आ रहे हैं.











गौरतलब है कि कंपनियों द्वारा बेचे जा रहे महंगे कीटनाशक एवं अन्य दवाईयां कीटों के साथ-साथ हमारे लिए भी विषाक्त का काम कर रही है, जिससे मनुष्यों में गंभीर बीमारियों और रोगों की एक श्रृंखला पनपती जा रही है. इन्हीं बीमारियो से लोगों को बचाने एवं शुद्ध खेती को बढ़ावा देने के लिए एक तरफ जहां सरकार प्रयासरत है, वहीं कुछ किसान भाई भी ओर्गेनिक खेती कर अपना लोहा मनवा रहे हैं.


हरियाणा राज्य के पलवल जिले में एक ऐसा ही गांव है 'वड़ा', जहां किसान ओमवीर सिंह ने ओर्गेनिक खेती से जुड़े सभी भ्रमों को तोड़ते हुए राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई है. उनकी कामयबी का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि राज्य सरकार से उन्हें दर्जनों आवार्ड एवं सम्मान मिल चुके हैं. इतना ही नहीं भारतीय कृषि एवं खाद्य परिषद ने भी उनके कामों की सराहना करते हुए उन्हें आवार्ड से सुशोभित किया है. पेश है उन से बातचीत के कुछ खास अंश.