रमेश की मां के नाम पर किसानों से धोखा कर रही है मोदी सरकार














मोदी सरकार ने 14 खरीफ फसलों का MSP बढ़ाया लेकिन किसान खुश नहीं









 पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में 14 खरीफ फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य(MSP) बढ़ाने का फैसला लिया है। रागी का एमएसपी 253 रुपये/क्विंटल, मूंगफली का 200 रुपये/क्विंटल, धान का 65 रुपये/क्विंटल, तुअर का 125 रुपये/क्विंटल, मूंग का 75 रुपये/क्विंटल और कपास का 105 रुपये/क्विंटल बढ़ाने का ऐलान सरकार द्वारा किया गया है।


केंद्र सरकार जहां एक तरफ ये समर्थन मूल्य बढ़ाने पर अपनी पीठ थपथपा रही है और इसे किसानों की आय दोगुनी करने के पीएम मोदी के वादे से जोड़कर देख रही है वहीं दूसरी तरफ किसान संगठन इस बढ़ोतरी को अपर्याप्त मान रहे हैं। किसान संगठनों का कहना है कि जिस अनुपात में उनकी लागत मूल्य बढ़ी है, कम से कम उस अनुपात में एमएसपी में बढ़ोतरी होनी चाहिए थी जो सरकार ने नहीं की है।


एक गंभीर मुद्दा यह भी है सरकार एमएसपी निकालने का फार्मूला घोषित करे। 2014 चुनाव से पहले मोदी सरकार द्वारा स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने का वादा अभी तक अधूरा है। स्वामीनाथन आयोग ने C2+50% फॉर्मूले के अनुसार किसानों को एमएसपी देने की सिफारिश की थी।


अगर पहले के सालों के मुकाबले देखा जाए तो मोदी सरकार द्वारा घोषित बढ़ोतरी अपर्याप्त मालूम पड़ती है। साल 2012-13 में धान के एमएसपी में 170 रुपये/क्विंटल की बढ़ोतरी यूपीए सरकार द्वारा की गई थी। 2012-13 में रागी का एमएसपी 420 रुपये/क्विंटल, उड़द का एमएसपी 1000 रुपये/क्विंटल, सोयाबीन का एमएसपी 550 रुपये/क्विंटल, कपास का 800 रुपये/क्विंटल और ज्वार का 520 रुपये/क्विंटल बढ़ाया गया था। 2012-13 में बढ़ाये गए एमएसपी के मुक़ाबले इस वर्ष मोदी सरकार द्वारा बढ़ाया गया एमएसपी ऊंट के मुंह में जीरा प्रतीत होता है।