लगातार बारिश से किसानों की आंखों में आए आंसू : 80 फ़ीसदी फसलें बर्बाद


 






किसानों का दर्द आया सामने : 80% फसलें बर्बाद लेकिन सर्वे में बरती जा रही लापरवाही, नुकसान का आकलन करने के लिए नहीं गई टीम






भोपाल (कैलाश पाटीदार).बारिश का सबसे ज्यादा असर खेतों में दिख रहा है। दलहन एवं तिलहन की 75 से 80 फीसदी फसलें खराब हो गई हैं। इस पर किसानों का आरोप है कि नुकसान को लेकर प्रशासन की ओर से सर्वे में कोताही बरती जा रही है। लोन लेकर खाद और बीज बोए थे। एक एकड़ में इसका खर्च 28 से 30 हजार के लगभग है, लेकिन फसल बर्बाद होने से आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। जिले में 72 हजार 621 किसान हैं।


दरअसल, 18 दिन पहले प्रभारी मंत्री डॉ. गोविंद सिंह और जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने एक शिविर में बर्बाद हुई फसलों की जानकारी जुटाने और प्रभावित किसानों का सर्वे करने की बात कही थी। कलेक्टर तरुण पिथोड़े ने भी संबंधित अफसरों को इसके निर्देश दिए थे। लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि सर्वे में लापरवाही बरती जा रही है।


ग्राम कुराना के किसान मनोहर सिंह मंडलोई का आरोप है कि जिला प्रशासन के आरआई-पटवारी सिर्फ चुनिंदा किसानों के यहां पर फसल नुकसान का सर्वे कर रहे हैं, जबकि हकीकत में जिन किसानों का सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। उनके यहां पर टीम पहुंच ही नहीं रही है। जबकि पटवारी, आरआई और कृषि विभाग के सर्वे करने वाले अफसरों की निगरानी होना चाहिए। जिला पंचायत अध्यक्ष मनमोहन नागर ने भी कलेक्टर को इस संबंध में पत्र लिखा है। ज्ञात हो कि जिले में 22 हजार एकड़ में उड़द और 15 हजार एकड़ में मूंग और 2500 एकड़ में अरहर की बुवाई हुई थी। तीनों फसलों की जून-जुलाई में बुवाई कराई थी।