प्रदेश में 24 लाख हेक्टेयर की खरीफ फसलों को नुकसान





22 लाख किसानों को 9600 करोड़ की क्षति का अनुमान


भोपाल। मुख्य सचिव श्री एस.आर.मोहन्ती ने निर्देश दिए हैं कि, प्रदेश में अति-वृष्टि और बाढ़ से हुए नुकसान की जानकारी सभी विभाग 24 सितम्बर तक राहत आयुक्त को सौंप दें। प्रदेश के 52 में से 36 जिलों में क्षति बहुत अधिक हुई है। उन्होंने कहा कि राहत पहुँचाने, आगामी रबी फसल के संधारण और स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए केन्द्रीय सहायता की तत्काल आवश्यकता है। श्री मोहन्ती मंत्रालय में अंतर मंत्रालयीन केन्द्रीय दल के साथ बैठक को सम्बोधित कर रहे थे।











केन्द्रीय अध्ययन दल ने मुख्यमंत्री को दी जानकारी

प्रदेश में सोयाबीन, उड़द को नुकसान


मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ से मंत्रालय में प्रदेश के अति वर्षा और बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में हुए नुकसान का आकलन करने आये केन्द्रीय अध्ययन दल ने मुलाकात की और उन्हें प्रारंभिक नुकसान की स्थिति की जानकारी दी। अध्ययन दल अगले हफ्ते तक नुकसान की प्रारंभिक रिपोर्ट तैयार कर लेगा । राज्य की ओर से सहायता के लिये मेमोरेंडम मिलने के बाद अंतिम रिपोर्ट तैयार होगी । मुख्यमंत्री ने अध्ययन दल को बताया कि विन्ध्य क्षेत्र को  छोड़कर पूरे प्रदेश में भारी नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा वे स्वयं भी प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर स्थिति का जायजा लेंगे। 


अध्ययन दल ने मुख्यमंत्री  को बताया कि नुकसान के अध्ययन के लिये तीन दल बनाये गये थे। तीनों दलों ने मंदसौर, आगर मालवा, रायसेन, राजगढ़, विदिशा जिलों के अति वर्षा से प्रभावित गाँवों का दौरा कर नुकसान का आकलन किया। आकलन के अनुसार सोयाबीन और उड़द की फसलों को ज्यादा नुकसान हुआ है। कच्चे मकान बह गये हैं। रपटे, छोटे पुल, पुलिया बह गई है और कई गाँव मुख्य सड़कों से कट गए हैं। आवागमन प्रभावित हुआ है। 



राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण नई दिल्ली के संयुक्त सचिव श्री संदीप पौण्डरिक के नेतृत्व में केन्द्रीय दल आया। केन्द्रीय दल में ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार के उप सचिव श्री के.एम. सिंह, जल संसाधन मंत्रालय के संचालक श्री मनोज पोनीकर, दलहन विकास निदेशालय भोपाल के निदेशक डॉ.ए.के. तिवारी, वित्त मंत्रालय के संचालक श्री अमरनाथ सिंह तथा ऊर्जा मंत्रालय के सहायक संचालक श्री सुमित गोयल शामिल हैं।










  • अति-वृष्टि और बाढ़ से प्रदेश को कुल 12 हजार करोड़ का नुकसान

  • केन्द्रीय दल से तत्काल राहत उपलब्ध कराने का अनुरोध 

  • छोटी अवधि के ऋण को मध्यम अवधि ऋण में बदलने की मांग 

  • 36 जिलों की फसलों एवं सम्पत्ति को नुकसान



प्रमुख सचिव राजस्व श्री मनीष रस्तोगी ने केन्द्रीय दल के सम्मुख अब तक हुई क्षति की जानकारी प्रस्तुत की। श्री रस्तोगी ने बताया कि फसलों को हुए नुकसान का सर्वेक्षण 24 सितम्बर तक पूर्ण होगा।


बैठक में जानकारी दी गई कि राज्य में अधिक वर्षा से लगभग 24 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में 22 लाख किसानों की 9 हजार 600 करोड़ रूपये की खरीफ फसल प्रभावित हुई है। प्रदेश में मकानों को हुई क्षति लगभग 540 करोड़ है। इसी क्रम में सड़कों की क्षति का अनुमान 1566 करोड़ रूपये और लगभग 200 करोड़ रूपये का अन्य नुकसान भी हुआ है। केन्द्रीय दल को बताया गया कि प्रदेश को अब तक 11 हजार 906 करोड़ रूपये की क्षति हुई है। 









कृषि मंत्री ने लिया नुकसान का जायजा



किसान कल्याण एवं कृषि विकास, उद्यानिकी तथा खाद्य प्र-संस्करण मंत्री श्री सचिन यादव ने गत दिनों खरगोन जिले के एक दर्जन गाँवों में अतिवृष्टि और बाढ़ से प्रभावित फसलों का निरीक्षण किया। उन्होंने खेतों में जाकर फसलें देखीं और किसानों से कहा कि वे चिंता न करें, संकट की इस घड़ी में सरकार उनके साथ है। शीघ्र ही अतिवृष्टि से प्रभावित फसलों का नियमानुसार मुआवजा दिया जाएगा।


श्री यादव मगरखेड़ी, अहिर धामनोद, रेगवा, बामंदी, साईखेड़ा, बलकवाड़ा, बरसलाय, बामखल आदि गाँवों में निरीक्षण के लिये पहुँचे। उन्होंने अन्य गांवों का सर्वे भी किया तथा कार्य त्वरित गति से करने के निर्देश दिये। निरीक्षण के दौरान कलेक्टर श्री गोपाल चंद्र डाड, एसपी श्री सुनील पाण्डे, अपर संचालक श्री बी.एम. सहारे, संयुक्त संचालक कृषि श्री आर.आर. सिसोदिया, उपसंचालक श्री एम.एल. चौहान, सहकारिता विभाग, बैंक तथा फसल बीमा कंपनी के अधिकारी साथ थे।



बैठक में कृषि उत्पादन आयुक्त श्री प्रभांशु कमल, अपर मुख्य सचिव उद्यानिकी एवं खाद्य प्र-संस्करण श्री इकबाल सिंह बैस, अपर मुख्य सचिव पशुपालन श्री मनोज श्रीवास्तव, अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास श्रीमती गौरी सिंह, अपर मुख्य सचिव वित्त श्री अनुराग जैन, अपर मुख्य सचिव ऊर्जा श्री मोहम्मद सुलेमान सहित विभिन्न विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।