मजबूत मांग के कारण धनिया की वायदा कीमतों में जोरदार तेजी
नई दिल्ली: बढ़ते हाजिर मांग के बीच कारोबारियों के ताजा सौदों से वायदा में गुरुवार को धनिया की कीमत 2.35 प्रतिशत की तेजी के साथ 7,130 रुपये प्रति क्विन्टल हो गई. इसके अलावा प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों से सीमित आवक की वजह से भी कीमतों में तेजी आई.
एनसीडीईएक्स में धनिया के नवंबर डिलीवरी वाले अनुबंध की कीमत 164 रुपये अथवा 2.35 प्रतिशत की तेजी के साथ 7,130 रुपये प्रति क्विन्टल हो गयी. इसमें 8,990 लॉट के लिए कारोबार हुुुआ ।
इसी प्रकार, धनिया के दिसंबर डिलीवरी वाले अनुबंध की कीमत 131 रुपये अथवा 1.97 प्रतिशत की तेजी के साथ 6,783 रुपये प्रति क्विन्टल हो गयी. इसमें 10,590 लॉट के लिए कारोबार हुआ. बाजार विश्लेषकों ने कहा कि सीमित स्टॉक के मुकाबले हाजिर मांग में तेजी आने के कारण वायदा कारोबार में धनिया कीमतों में तेजी आई.
सोयाबीन का भाव लुढ़का
वायदा बाजार में गुरुवार को सोयाबीन की कीमतें 43 रुपये घटकर 3,969 रुपये प्रति क्विंटल रह गईं. नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज में नवंबर अनुबंध के लिए सोयाबीन भाव 43 रुपये या 1.07 फीसदी की गिरावट के साथ 3,969 रुपये प्रति क्विंटल हो गया. विश्लेषकों ने कहा कि सोयाबीन की कीमतों में गिरावट की सबसे बड़ी वजह यह है कि कारोबारियों ने वायदा में अपनी पोजीशन घटाई है.
एनसीडीईएक्स में धनिया के नवंबर डिलीवरी वाले अनुबंध की कीमत 164 रुपये अथवा 2.35 प्रतिशत की तेजी के साथ 7,130 रुपये प्रति क्विन्टल हो गयी. इसमें 8,990 लॉट के लिए कारोबार हुुुआ ।
इसी प्रकार, धनिया के दिसंबर डिलीवरी वाले अनुबंध की कीमत 131 रुपये अथवा 1.97 प्रतिशत की तेजी के साथ 6,783 रुपये प्रति क्विन्टल हो गयी. इसमें 10,590 लॉट के लिए कारोबार हुआ. बाजार विश्लेषकों ने कहा कि सीमित स्टॉक के मुकाबले हाजिर मांग में तेजी आने के कारण वायदा कारोबार में धनिया कीमतों में तेजी आई.
सोयाबीन का भाव लुढ़का
वायदा बाजार में गुरुवार को सोयाबीन की कीमतें 43 रुपये घटकर 3,969 रुपये प्रति क्विंटल रह गईं. नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज में नवंबर अनुबंध के लिए सोयाबीन भाव 43 रुपये या 1.07 फीसदी की गिरावट के साथ 3,969 रुपये प्रति क्विंटल हो गया. विश्लेषकों ने कहा कि सोयाबीन की कीमतों में गिरावट की सबसे बड़ी वजह यह है कि कारोबारियों ने वायदा में अपनी पोजीशन घटाई है.
मलेशिया से पाम तेल की खरीद फिर शुरू, भाव में
मुंबई: भारतीय रिफाइनरों ने लगभग एक महीने के अंतराल के बाद मलेशिया से पाम तेल खरीदना फिर से शुरू कर दिया है. आंकड़ों के मुताबिक, दिसंबर में मलेशिया से लगभग 70,000 टन पाम तेल आयात के अनुबंध किये गए. मलेशिया से पाम तेल की खरीदारी की सबसे बड़ी वजह यह है कि इंडोनेशिया के मुकाबले वह $5 (360 रुपये) प्रति टन की छूट दे रहा है. पांच व्यापारियों ने गुरुवार को यह जानकारी दी.
भारत के पाम तेल की खरीद फिर से शुरू करने से मलेशियाई पाम तेल की कीमतों में तेजी आ सकती है. भारत मलेशियाई पाम तेल का सबसे बड़ा खरीदार है. फिलहाल मलेशियाई पाम तेल की कीमतें दो साल की ऊंचाई के करीब बनी हुई हैं.
भारतीय रिफाइनरों ने पिछले महीने मलेशिया से खरीद बंद कर दी थी, क्योंकि कारोबारियों को इस बात का डर सता रहा था कि भारत सरकार मलेशिया से पाम तेल के आयात पर प्रतिबंधों को लागू कर सकती है. दरअसल, मलेशिया की सरकार ने संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर में अनुच्छेद 370 को हटाये जाने को लेकर भारत की आलोचना की थी. इसके बाद से माना जा रहा था कि सरकार वहां से पाम तेल के आयात पर पूरी तरह से रोक लगा सकती है.
मुंबई के एक डीलर ने कहा कि मलेशियाई पाम तेल $5 की छूट मिल रही है. हालांकि, इंडोनेशिया के बंदरगाहों पर ट्रैफिक ज्यादा है. इसके चलते कुछ खरीदारों को अपनी रिफाइनरियों को चलाने के लिए कम मात्रा में मलेशियाई तेल खरीदना पड़ रहा है.
भारत के पाम तेल की खरीद फिर से शुरू करने से मलेशियाई पाम तेल की कीमतों में तेजी आ सकती है. भारत मलेशियाई पाम तेल का सबसे बड़ा खरीदार है. फिलहाल मलेशियाई पाम तेल की कीमतें दो साल की ऊंचाई के करीब बनी हुई हैं.
भारतीय रिफाइनरों ने पिछले महीने मलेशिया से खरीद बंद कर दी थी, क्योंकि कारोबारियों को इस बात का डर सता रहा था कि भारत सरकार मलेशिया से पाम तेल के आयात पर प्रतिबंधों को लागू कर सकती है. दरअसल, मलेशिया की सरकार ने संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर में अनुच्छेद 370 को हटाये जाने को लेकर भारत की आलोचना की थी. इसके बाद से माना जा रहा था कि सरकार वहां से पाम तेल के आयात पर पूरी तरह से रोक लगा सकती है.
मुंबई के एक डीलर ने कहा कि मलेशियाई पाम तेल $5 की छूट मिल रही है. हालांकि, इंडोनेशिया के बंदरगाहों पर ट्रैफिक ज्यादा है. इसके चलते कुछ खरीदारों को अपनी रिफाइनरियों को चलाने के लिए कम मात्रा में मलेशियाई तेल खरीदना पड़ रहा है.