हरियाणा के रवि प्रकाश को मिलेगा $25000 का पुरस्कार
 



हरियाणा  के पीएचडी स्कॉलर ने दूध ठंडा करने का उपकरण बनाया, ब्रिक्स के यंग साइंटिस्ट फोरम ने किया पुरूस्करत




  • करनाल के एनडीआरआई में रिसर्च कर रहे रविप्रकाश 5 देशों के 100 छात्रों में अव्वल रहे, 25 हजार डॉलर का पुरस्कार मिला

  • ब्रिक्स में भारत, रूस, दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील और चीन शामिल हैं, ब्राजील में यह चौथा ब्रिक्स-यंग साइंटिस्ट फोरम था


करनाल . राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान (एनडीआरआई) के पीएचडी स्कॉलर रविप्रकाश ने दूध को ठंडा करने का उपकरण तैयार किया है। इससे विकसित देशों के छोटे किसानों को फायदा होगा। नैनो टेक्नोलॉजी के सिद्धांत पर यह उपकरण बनाया गया है। रविप्रकाश ने ब्राजील में आयोजित यंग साइंटिस्ट सम्मेलन में इस डिवाइस की प्रेजेंटेशन दी। 5 देशों के 100 युवा वैज्ञानिकों ने भी अपनी प्रेजेंटेशन दी,जिसमें यह डिवाइस प्रथम रही। रविप्रकाश को25 हजार डॉलर(करीब 18 लाख रुपए) का अवॉर्ड मिला।


रवि ने बीटेक एनडीआरआई करनाल से किया। इसके बाद एनडीआरआई के रीजनल सेंटर बेंगलुरू से एमटेक किया।रविप्रकाश बेंगलुरु से ही पीएचडी कर रहे हैं।चौथे ब्रिक्स-यंग साइंटिस्ट फोरम (वाईएसएफ) रियो डी जेनेरियोमें रविप्रकाश 20 भारतीय प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे।ब्रिक्स में भारत, रूस, दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील और चीनशामिल हैं।


ब्रिक्स सम्मेलन: दो दिन प्रजेंटेशन दी, आखिरी प्रजेंटेशन में तीन चुने गए


दो दिन के कार्यक्रम में सभी युवा वैज्ञानिकों ने अपनी प्रेजेंटेशन दी। पहले चरण में 20 वैज्ञानिकों को चुना गया। दोबारा से प्रेजेंटेशन में तीन वैज्ञानिक चुने गए। इनमें भारत के रविप्रकाश को अव्वल रहे। दूसरे स्थान पर रूसऔर तीसरे स्थान पर ब्राजील रहा।


डिवाइसदूध को7 डिग्री तक ठंडा कर देगी
रविप्रकाश के मुताबिक, डी-फ्रिज दूध को आमतौर परतीन घंटे में 10 डिग्री तक ठंडा करता है।गाय का तापमान 37 डिग्री होता है, दूध भी इतना ही गर्म होता है। एक डिवाइस पांच से छह लीटर दूध को 37 डिग्री से 10 मिनट में 7 डिग्री तक ठंडा कर देगी। रविप्रकाशबिहार के पश्चिमी चंपारण के हरसरी गांव केरहने वालेहैं। पिता अरविंद कुमार शिक्षक हैं।


नैनो सिद्धांत पर आधारित डिवाइस


यह उपकरण नैनो सिद्धांत के आधार पर तैयार किया गया है। पेटेंट के लिए अप्लाई कर दिया है। पेटेंट होने के बाद ही यह मार्केट में आएगा। फिलहाल इसकी कॉस्ट पांच से छह हजार रुपए पड़ेगी, लेकिन ज्यादा मात्रा में बनने के बाद इसकी कीमत भी कम हो जाएगी। यह चार्ज करने के बाद काम करेगा।