इंदौर विकास प्राधिकरण ने फिर किसानों को दिया धोखा

  • किसानों से की है वादा पूरा नहीं कर रहा है विकास प्राधिकरण
    किसान संगठन ने मंत्री से मुलाकात कर योजना की जमीन वापस लौटाने की मांग की
     इंदौर। किसानों से योजना के नाम पर जमीन लेते समय उन्हें कई लुभावने प्रस्ताव दिए जाते है। लेकिन अपनी वाही वाही लूटने के बाद अधिकारी उन वादों से ही मुकर जाते है। इससे किसान ठगा जाता है या त्रस्त हो कर अपनी कीमती जमीन को छोड़ने पर मजबूर हो जाता है।ऐसे ही मामलों में किसानों की समस्या को लेकर लगातार किसान युवा संगठन आंदोलन करता रहा है। अब आईडीए की इंदौर में योजना 169 ए आईएसबीटी में हो रही अनिमितताओं के चलते किसानों की परेशानी बढ़ती ही जा रही है। किसानों की इस परेशानी को दूर करने के लिए अब संगठन का एक प्रतिनिधि मंडल नगरीय विकास एवं आवास मंत्री सें मुलाकात कर उन्हे समस्याओं से अवगत कराया।
    युवा किसान संगठन के अध्यक्ष रविन्द्र चौधरी ने बताया कि किसानों की समस्या को  लेकर एक प्रतिनिधि मंडल  नगरीय विकास एवं आवास विभाग के मंत्री जयवर्धनसिंह से मिला एवं इंदौर में योजना 169-ए आईएसबीटी में हो रही अनियमितताओं को रोकने के लिए ज्ञापन दिया। ज्ञापन में मांग की गई कि योजना में किसानो को धोखे में रखकर कार्रवाई की गई व उसमें कई त्रुटियां है इसलिए त्रुटियों का सुधार किया जाए। ज्ञापन में कहा गया है कि किसानों को 50 प्रतिशत विकसित भूखंड के नाम पर 21 प्रतिशत के आरक्षण पत्र जारी किए गए हैं व कुछ किसानों को 26 प्रतिशत विकसित भूखंड की पेशकश की गई है जो कि न्याय संगत नहीं है।  योजना 169- ए आईएसबीटी पर कार्य कर रहे आईडीए के अधिकारी पिछले 9 वर्षों में इस योजना का क्रियान्वयन नहीं कर पाए हैं।
    युवा किसान संगठन के प्रतिनिधि मंडल ने सरकार के सामने मांग रखी है कि वे इस समस्या से हल करने के लिए विशेष कमेटी बनाई जाए, जो योजना के सभी किसानों से नए सिरे से बात करें। सहमति नहीं बनने की स्थिति में नए कानून (भूमि अधिग्रहण बिल 2013) के अनुसार जमीन को एक्वायर किया जाए।  इन मुददों पर यदि  विकास प्राधिकरण काम नहीं कर पाता है तो जमीन को योजना से मुक्त किया जाए एवं किसान को उनकी जमीन वापस लौट दी जाए। ज्ञापन को  मंत्री  ने  मुख्य सचिव को प्रेषित कर विभाग को तुरंत मांगों के अनुरूप कार्रवाई करने के लिए निर्देशित किया है। प्रतिनिधि मंडल में सुनील चौधरी, राजेश पटेल, प्रकाश अग्रवाल, राधेश्याम वैष्णव शामिल थे।