पौधारोपण घोटाले को लेकर शीतकालीन सत्र में होगा हंगामा ......शिवराज सिंह सरकार के दौरान हुआ था करोड़ों का घोटाला

  1. पौधरोपण घोटाले में कई अफसर और नेता आएंगे लपेट में

  2. अधिकारियों ने गड़बड़ी की जांच  रिपोर्ट शासन को सौंप दी 


भोपाल । 17 दिसंबर से शुरू हो रहे विधानसभा के शीतकालीन सत्र में शिवराज सरकार में रोपे गए एक साथ सात करोड़ पौधों का मामला गर्मी बढ़ा सकता है। जांच के लिए गठित मंत्री समूह के निर्देश पर अधिकारियों ने गड़बड़ी की जांच कर रिपोर्ट शासन को सौंप दी है। सूत्रों का कहना है कि जांच में नर्सरी में पौधों के उत्पादन, पौधों की खरीदारी, पौधरोपण के लिए गड्ढे खोदने, परिवहन आदि में बड़े स्तर पर गड़बड़ी सामने आई है। सरकार पौधरोपण घोटाले की जांच रिपोर्ट विधानसभा के पटल पर रखेगी। सत्र 17 दिसंबर से शुरू हो रहा है। बता दें कि शिवराज सरकार के कार्यकाल में 2 जुलाई, 2017 को प्रदेश में एक दिन में सात करोड़ पौधे लगाए गए थे। सरकार का दावा था कि उसने एक दिन में सर्वाधिक पौधे लगाने का विश्व रिकॉर्ड बनाया है। शुरुआत से ही पौधरोपण अभियान विवादों में है। विपक्ष में रहते हुए कांग्रेस ने शिवराज सरकार पर पौधरोपण में भ्र्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए इसकी जांच की मांग की थी और जब कांग्रेस की सरकार बनी, तो जांच शुरू हो गई। जांच की जिम्मेदारी चार मंत्रियों को दी गई है। दिसंबर में प्रस्तावित शीतकालीन सत्र को देखते हुए पिछले दिनों मंत्री समूह की पहली बैठक हुई। बैठक में वित्त मंत्री तरुण भनोत, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री कमलेश्वर पटेल और कृषि मंत्री सचिन यादव मौजूद थे। इसमें मंत्रियों ने चार करोड़ पौधों का हिसाब नहीं मिलने पर नाराजगी जताई थी। वन विभाग के पास तीन करोड़ पौधों का हिसाब है, तो शेष चार करोड़ पौधों का हिसाब क्यों नहीं मिल रहा? मंत्रियों ने कुछ बिंदुओं पर जांच कर अफसरों से 2 दिसंबर तक रिपोर्ट देने को कहा था।

रिपोर्ट पर मंत्री करेंगे चर्चा, सीएम को सौंपेंगे

पौधरोपण में हुई गड़बड़ी की जांच रिपोर्ट आने के बाद जल्द ही मंत्री समूह की बैठक आयोजित की जाएगी। इसमें जांच रिपोर्ट को लेकर विस्तार से चर्चा की जाएगी। इसके बाद रिपोर्ट सीएम के पास भेजी जाएगी। गौरतलब है कि विधानसभा के बजट सत्र में पौधरोपण का मामला उठने पर आसंदी से चार मंत्रियों की समिति जांच की गई थी। इस समिति में मंत्री तरुण भनोत, उमंग सिंघार, कमलेश्वर पटेल और सचिन यादव शामिल हैं। समिति को सदन में पौधरोपण घोटाले की जांच रिपोर्ट पेश करना है। पौधरोपण में वन विभाग, उद्यानिकी और पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की मुख्य भूमिका थी। कृषि विभाग और जन अभियान परिषद ने लोगों को पौधरोपण के लिए प्रेरित करने का काम किया था।

मंत्रियों ने इन बिंदुओं पर मांगी थी जानकारी

> सात करोड़ पौधे कहां से आए, सरकारी नर्सरियों में ये पौधे कब तैयार किए गए, इन नर्सरियों में पिछले पांच वर्षों में कितना उत्पादन रहा, प्राइवेट नर्सरी से कितनी खरीदारी की गई, नर्सरियों का सत्यापन कराया जाए।

> इतने पौधे लगाने के लिए कितने हेक्टेयर स्थल की जरूरत है। पौधरोपण से पहले इन स्थलों पर पहले से तो पौधे नहीं लगे थे, इसका सत्यापन किया जाए।

> आज की तारीख में उन स्थलों पर पौधे जिंदा बचे हैं या नहीं, इसका भौतिक सत्यापन कराया जाए।

> पौधों खरीदारी पर खर्च राशि, पौधों के परिवहन पर खर्च राशि, विश्व रिकॉर्ड के लिए संसाधन उपलब्ध कराने और अभियान की मॉनीटरिंग पर खर्च राशि का ब्योरा उपलब्ध कराया जाए।